Happy Dhanteras
Dhanteras also known as the festival of...
एक समय महर्षि वेदव्यास जी महाराज युधिष्ठर के यहाँ संयोग से पँहुच गये। महाराज युधिष्ठर ने उनका समुचित आदर किया।
कुछ समय पश्चात् भीम ने हाथ जोड़कर कहा- प्रभो! महाराज युधिष्ठर, अर्जुन, नकुल, सहदेव और द्रोपदी इत्यादि सभी लोग एकादशी का व्रत करते हैं और मुझे भी विवश करते हैं किन्तु मैं एक क्षण भी बिना खाए नहीं रह सकता। यह मेरा धर्मसंकट कैसे दूर हो?
तब व्यास जी ने कहा- कलिकाल में समस्त धर्म कार्य करना कठिन और दुष्कर है लेकिन मानव-जीवन के कल्याण के लिए मास-मास की कृष्ण पक्ष एंव शुक्ल-पक्ष की एकादशी के व्रत के बिना प्राणी-मात्र का कल्याण नहीं है।
महर्षि व्यास के ऐसे वचन सुन भीमसेन बोले- प्रभो! आप कोई ऐसा व्रत बताइये कि जिसमें एक दिन भूखा रहकर ही मैं पापों से मुक्त हो जाऊँ।
वेदव्यास ने कहा- वह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की निर्जला एकादशी का है। इस दिन बिना खाये-पिये निराहार और निर्जल रहो। इस व्रत के प्रभाव से मंदराचल जैसे भीषण और महान पाप भी अवश्य ही नष्ट हो जाते हैं। इस दिन जलदान देने एंव स्वंय व्रत समाप्ति तक जल न ग्रहण करने वाले प्राणियों को एक-एक क्षण में कोटि-कोटि गौदान देने का फल प्राप्त होता है तथा यज्ञ, दान एंव जपादि कार्य करने वाले को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
विष्णुलोक की प्राप्ति इसी निर्जला व्रत के ही द्वारा हो सकती है। इस दिन श्रीविष्णु भगवान् की भक्तिपूर्वक पूजा, जप, कीर्तन, आदि कर दान देना चाहिए।
जो इसको भक्तिपूर्वक श्रवण करके तथा कीर्तन इत्यादि करके रात्रि-जागरण करते हैं वे मनुष्य बिना विघ्न स्वर्ग प्राप्त करते हैं।
हरे कृष्ण !!
Param pujya Guru Bhagwanji ke kripa,prem aur karuna ke anant shukrane hain.
Pujay Guru Maaji Guru bhagwan ji apko koti koti vandan. Anant anant shukerane